चांद के साथ
युं तो हमारे जिंदगी मे अंत जैसा कुछ नही .... एक ओट होता है जिसके अंधेरे मे सब छिप जाता है हमारा हो…
युं तो हमारे जिंदगी मे अंत जैसा कुछ नही .... एक ओट होता है जिसके अंधेरे मे सब छिप जाता है हमारा हो…
प्रेम मे जी रहा एकनिष्ठ पुरूष द्वेष करता है प्रियतमा के तन पर अलंकृत आभूषणों से जो आलिंगन कर रहे श्र…
बेटियाँ बड़ी प्यारी होती हैं मानसिक रूप से हमें ऐसा परिवेश मिला है पीढ़ी दर पीढ़ी की हम जन्मते बच्च…
स्त्रीत्व पर आघात पश्चात स्त्री महज स्त्री शेष नहीं बचती वो हो जाती है स्त्री व पुरुष संयुक्त तथा न…
प्रिय कन्हाई , मैया मेरी कामनाएं स्वीकारी होगी और आशावान्वित हूं कि तुम यूंही चिरयौवनी होंगे पिछले…
जब इतिहास मे कहीं धर्म युद्ध का उल्लेख होगा किसी पन्ने मे अंकित मिलेगा मेरे जीवन का वो विकटयुद्ध भी …
माधव मेरे हिस्से मे तुम हो तप रही संवेदना का भार तुम उठा रहे सून रहे जग की टेर ,नैनो से बुझा रहे …